मुहर्रम और बोनालु जुलूसों में परेड के लिए कर्नाटक से तेलंगाना ले जाई जा रही हथिनी रूपवती के खराब स्वास्थ्य के बारे में सूचना देने पर ‘पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय’ ने उसके परिवहन पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी लेकिन अब, उसे फिर से पुनः दूसरे राज्य में स्थानांतरित कर दिया गया है। PETA इंडिया ने रूपवती को भीषण यात्रा और हैदराबाद के आसपास के कार्यक्रमों में जबरन इस्तेमाल करने से बचाने के लिए, जुलूसों में असली जैसा दिखने वाले यांत्रिक हाथी को इस्तेमाल करने के लिए धन और सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव दिया है।
रूपवती के अगले दोनों पैरों में गठिया है, उसे एक आंख में अंधापन और पैरों के पैड में दरार पड़ी हैं, जिससे उसे असुविधा होती है और शहर की सड़कों पर फिसलने का खतरा भी बढ़ जाता है। इन सब गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के चलते पेटा इंडिया रूपवती को स्थायी रूप से एक अभयारण्य में स्थानांतरित करने की पुरजोर वकालत करता है, जहां उसका पुनर्वास किया जा सके और वह अन्य हाथियों के साथ बंधनमुक्त होकर रह सके, इससे उसका बाकी का जीवन बेहतर तरीके से गुजर सकेगा।
जुलूसों में रूपवती जैसे जीवित हाथियों का इस्तेमाल, पशुओं में अत्यधिक शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तनाव का कारण बनता है और इसलिए यह मनुष्यों के लिए खतरनाक है, क्योंकि परिणामस्वरूप यह पशु हिंसक होकर मनुष्यों पर हमला बोल देते हैं। दूसरी ओर, यांत्रिक हाथियों का स्वरूप यथार्थवादी होता है और वे वास्तविक हाथी जैसे ही पारंपरिक कार्य भी कर सकते हैं।
आप भी मदद कर सकते हैं!
आप केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव और राज्य के अधिकारी महोदय से अनुरोध करें कि रूपवती को इन कार्यक्रमों में परेड करने की पीड़ा से बचाएं और उसे स्थायी रूप से एक अभयारण्य में स्थानांतरित करें, जहां वह आवश्यक व तत्काल पशु चिकित्सा देखभाल प्राप्त कर सके और अपना शेष जीवन जंजीरों से मुक्त और अन्य हाथियों की संगत में व्यतीत कर सके।