हर पांच साल में, नेपाल के बरियारपुर में हिंदू देवी गढीमाई के मंदिर में लाखों जानवरों का मौत के घाट उतार दिया जाता है। मंदिर के अधिकारियों द्वारा 2015 में इस पर प्रतिबंध घोषित करने तथा नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस प्रथा पर रोक लगाने के निर्देश के बावजूद, सिर्फ अंधविश्वासों के चलते मासूम जानवरों का हिंसक नरसंहार हो रहा है। गढ़ीमाई त्योहार दुनिया के सबसे बड़े पशु बलि रक्त स्नान के लिए बदनाम है।
पशुओं से प्यार करने वाले लोग यह समझने में असमर्थ हैं कि ऐसा क्यों होता है? वर्ष 2019 में अब तक हजारों जानवरों को त्योहार के दौरान काटा जा चुका है। आज, जब मानव बलि जैसी पुरानी का क्रूर मान्यताओं का हम बहिष्कार कर चुके हैं तो फिर जानवर भी तो जीते जागते प्राणी हैं उनको भी इन्सानों की तरह डर एवं पीड़ा का एहसास होता है तो फिर बलि के नाम पर उनका नरसंहार क्यूँ ?
इस त्यौहार के कारण पूरे विश्व में नेपाल की बदनामी से अच्छा है की लोग बड़ी तादात में एकत्र होकर इस त्यौहार को शांतिपूर्ण तरीके से पूजा अर्चना करके मनाएँ।
आप क्या कर सकते हैं
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