PETA इंडिया ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, (Prevention of Cruelty to Animals Act)1960 की धारा 28 को हटाये जाने का अनुरोध किया है। अधिनियम की यह धारा धर्म के आधार पर किसी भी तरह से जानवरों की बलि/कुर्बानी देने की अनुमति प्रदान करती है। वर्तमान में केंद्र सरकार इस अधिनियम में कुछ बदलाव कर रही है और इसी संबंध में PETA इंडिया ने अप्रेल माह में ‘भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड’ को अपनी सिफ़ारिशे भेजी थी जिसमे जानवरों की बलि/कुर्बानी पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया गया था।
धारा 28 का प्रावधान ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’ के मूल उद्देश्य के खिलाफ है, क्योंकि यह जानवरों के "अनावश्यक" दर्द और पीड़ा का कारण बनता है और वर्तमान के आधुनिक समाज में इस तरह की पुरानी परम्परा का कोई औचित्य भी नही है।
PETA इंडिया ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों सहित ‘भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड’ को दुबारा पत्र भेजकर बकरीद के दौरान जानवरों के अवैध परिवहन एवं गैरकानूनी हत्याओं को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाने का अनुरोध किया है।
देश भर में दी जाने वाली पशु बलि/कुर्बानी में जानवरों की अनेकों प्रजातियों जैसे बकरों, भेड़ों, भैंसो, मुर्गों, हिरणों, लोमड़ियों, उल्लुओं व अन्य जानवरों को बड़ी बेदर्दी से उनकी गर्दन काट कर, उनका सिर धड़ से अलग करके, गर्दन मरोड़ कर, नुकीले हथियार मारकर, पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया जाता है और होश में होने के बावजूद उनके गले काट दिये जाते हैं। भले ही ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’ (PCA Act) की धारा 28 पशु बलि दिये जाने की छूट देती है, लेकिन ऐसी प्रथाएं ‘वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972’ के उन प्रावधानों के खिलाफ है जो स्वदेशी जंगली प्रजातियों को पकड़ने और उनका शिकार करने से बचाने के लिए बनाये गए हैं।
गुजरात, केरल, पुडुचेरी एवं राजस्थान राज्यों में पहले से ही ऐसे कानून हैं जो मंदिरों अथवा धार्मिक स्थलों पर किसी जानवर की बलि की अनुमति नहीं देते। आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना राज्य भी किसी धार्मिक पूजन के सार्वजनिक स्थान, धार्मिक परिसर या धार्मिक आयोजन के दौरान सार्वजनिक स्थानों या सड़क के किनारे पशु बलि की इजाजत नहीं देते। इन राज्यों द्वारा उठाए गए यह कदम दर्शाते हैं कि देश भर में इसी तरह के निषेध को लागू करने की दिशा में प्रगतिशील कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
आप नीचे दिये गए फॉर्म पर हस्ताक्षर करके जानवरों की बलि/कुर्बानी दिये जाने पर रोक लगवाने में हमारी मदद कर सकते हैं। सभी लोगों द्वारा हस्ताक्षर की गयी यह अपील प्रधानमंत्री श्री मोदी जी को भेजी जाएगी।